Shodashi Secrets

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥

The worship of those deities follows a particular sequence often known as Kaadi, Hadi, and Saadi, with Each and every goddess connected to a selected approach to devotion and spiritual follow.

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

Saadi mantras are more accessible, useful for basic worship and also to invoke the presence with the deity in way of life.

देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। get more info वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी पञ्चरत्न स्तोत्रं ॥

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment which is related to the supreme cosmic electricity.

Shodashi’s impact promotes intuition, supporting devotees access their interior knowledge and create belief in their instincts. Chanting her mantra strengthens intuitive abilities, guiding people towards choices aligned with their optimum superior.

The worship of Goddess Lalita is intricately related With all the pursuit of both worldly pleasures and spiritual emancipation.

पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥

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